ठंडाई का इतिहास/Thandai History
Thandai जैसा कि नाम से पता चलता है, ‘ठंडा’ शब्द से आया है। पौराणिक कथाओं एवं मान्यताओं के अनुसार, ठंडाई एक सदियों पुराना एवं भगवान शिव का पसंदीदा पेय है, इसलिए उत्तर भारत में शिवरात्रि और सावन के सोमवार के दिन कई शिव मंदिरों में ठंडाई द्वारा रूद्र अविषेक देखा गया है।
मूल रूप से, Thandai एक फल और मसाले पर आधारित पेय था, न कि दूध-मसालेदार काढ़ा जिसका हम आज उपयोग करते हैं। लेकिन, वर्षों से, स्वाद और प्रवृत्तियों के अलावा, मूल नुस्खा को पसंद और मूड के अनुरूप बदल दिया गया है।
Thandai के लिए यह प्यार महा शिवरात्रि के दौरान शुरू होता है और होली पर चरमोत्कर्ष पर समाप्त होता है।


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ठंडाई क्या है?/What is Thandai?
“ठंडाई” शब्द का अर्थ हिंदी भाषा में “ठंडा” होता है। इसे ‘शारदाई’ या ‘सरदाई’ के नाम से भी जाना जाता है।
जैसा कि नाम है, यह पेय शरीर को ठंडक प्रदान करता है। ठंडाई या शारदाई बनाने वाले कुछ नट, बीज, मसाले प्रकृति में ठंडे होते हैं जैसे पानी में भीगे हुए बादाम, खसखस, गुलाब की पंखुड़ियाँ या गुलकंद (गुलाब संरक्षित) और सौंफ के बीज।
Thandai में अखरोट जैसा दूधिया स्वाद होता है। इसमें गुलाब, इलायची और केसर की एक मादक सुगंध और मीठी सुगंधित स्वाद है, साथ में काली मिर्च इसमें कुछ तीखापन ला देती है।
तैयारी का समय : 40 मिनट
पकाने का समय : 10 मिनट
कुल समय : 50 मिनट
ठंडाई बनाने के लिए सामग्री (4 लोगों के लिए)/Ingredients For Thandai
सामग्री | मात्रा |
दूध | 1 लीटर (फुल फैट) |
काजू | 1/4 कप |
बादाम | 1/4 कप |
पिस्ता | 1/4 कप |
इलायची | 8 से 10 पीस |
काली मिर्च | 8 से 10 पीस |
खस-खस | 2 बड़ा चम्मच |
सॉफ | डेढ़ चम्मच |
तरबूज के बीज (मगज) | 2 बड़ा चम्मच |
खीरे के बीज | 1 बड़ा चम्मच |
गुलाब जल | 1 बड़ा चम्मच |
दालचीनी पाउडर | आधा छोटा चम्मच |
जायफल पाउडर | आधा छोटा चम्मच |
केसर | 5 से 6 पत्ती |
पानी | 1 कप |
चीनी | स्वादानुसार |
ठंडाई बनाने की विधि/Thandai Recipe
- सबसे पहले सभी सामग्री (काजू, बादाम, पिस्ता, काली मिर्च, खस-खस, केसर,सौंफ, तरबूज के बीज, खीरे के बीज) को आधा घंटा पानी में भिगो लें।
- अब एक पैन में दूध को उबलने के लिए रख दे।
- भीगी हुई सामग्री को मिक्सी या सिल बट्टे की सहायता से पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में इलायची पाउडर, दालचीनी पाउडर, जायफल पाउडर और गुलाबजल डालकर अच्छे से मिक्स कर लें।
- अब उबले हुए दूध में चीनी अपने स्वादानुसार मिलाकर उसमें सामग्री का पेस्ट डालकर एक उबाल आने तक गर्म करलें।
- गर्म करने से ये सभी सामग्री दूध में अच्छे से मिल जाती है और मसलों का स्वाद निखर जाता है।
- अब आपकी Thandai बनकर तैयार है जिसको आप ठंडा करकर या बर्फ डालकर पी सकते हैं।
इसे भी पढ़े : Thandai Recipe In English
ठंडाई बनाने की विधि (चित्र सहित)/Thandai Recipe (With Image)


- सबसे पहले सभी सामग्री (काजू, बादाम, पिस्ता, काली मिर्च, खस-खस, केसर,सौंफ, तरबूज के बीज, खीरे के बीज) को आधा घंटा पानी में भिगो लें।


- अब एक पैन में दूध को उबलने के लिए रख दे।


- भीगी हुई सामग्री को मिक्सी या सिल बट्टे की सहायता से पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में इलायची पाउडर, दालचीनी पाउडर, जायफल पाउडर और गुलाबजल डालकर अच्छे से मिक्स कर लें।


- अब उबले हुए दूध में चीनी अपने स्वादानुसार मिलाकर उसमें सामग्री का पेस्ट डालकर एक उबाल आने तक गर्म करलें। गर्म करने से ये सभी सामग्री दूध में अच्छे से मिल जाती है और मसलों का स्वाद निखर जाता है।


- अब आपकी Thandai बनकर तैयार है जिसको आप ठंडा करकर या बर्फ डालकर पी सकते हैं।
Thandai Recipe Video
टिप्स
- ठंडाई में मुख्य रूप से काजू, बादाम और पिस्ता शामिल होते हैं। नमकीन पिस्ते का प्रयोग करें। सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा डाले गए मेवे, बीज और मसाले ताजे हों और बासी न हों।
- आप चाहें तो छिलके वाले बादाम का इस्तेमाल कर सकते हैं। बस बादाम को अलग से 30 मिनट के लिए गर्म पानी में उबाल लें और फिर उन्हें छील लें।
- खसखस और खरबूजे के बीज दोनों ही रेसिपी के लिए आवश्यक हैं। इनकी अनुपलब्धता के कारण इन बीजों को न डालें। तरबूज के बीजों को अनसाल्टेड छिलके वाले कद्दू के बीजों से बदलें। ध्यान दें कि स्वाद थोड़ा बदल जाएगा।
- सूखे गुलाब की पंखुड़ियों के स्थान पर गुलकंद (गुलाब की पंखुड़ियों को संरक्षित) या गुलाब जल डालें। गुलकंद डालते समय रेसिपी में चीनी को ⅓ कप तक कम कर दें..
- ठंडाई पेस्ट की स्थिरता: पेस्ट को बहुत बारीक पीस लें, खासकर अगर बच्चों के लिए बना रहे हैं। आप चाहें तो ठंडाई पेस्ट को छान भी सकते हैं।
इसे भी पढ़े : Malpua Recipe In Hindi
FAQ’s
Q-1. ठंडाई कितने प्रकार की होती है?
Ans. आम के स्वाद की ठंडाई
ठंडाई रसमलाई
ठंडाई बर्फी
ठंडाई कुल्फी
ठंडाई रबड़ी
ठंडाई खीर
Q-2. ठंडाई कब पीनी चाहिए?
Ans.ठंडाई कभी भी पी जा सकती है मुख्यतः होली और शिवरात्रि के दिन ठंडाई का प्रयोग ज्यादा देखा गया है। होली के दिन नाचने कूदने और हुड़दंग मचाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है इस आवश्यकता की पूर्ती के लिए ही ठंडाई का प्रयोग किया जाता है।
Q-3. ठंडाई और भांग में क्या अंतर है?
Ans.ठंडाई एक स्वाथ्यवर्धक और पाचन क्रिया को अच्छा रखने के लिए एक पेय पदार्थ है जबकि भांग एक पौधे से प्राप्त मादक पदार्थ है जिसका प्रयोग आयुर्वेदिक दवाइयों और नशा करने के लिए किया जाता है, इसलिए कुछ लोग ठंडाई में भांग मिलाकर नशा करते है।
Q-4. भांग के बाद क्या पीना चाहिए? भांग का नशा उतारने के लिए क्या करना चाहिए?
Ans.भांग का नशा उतारने के लिए निम्बू के रस का प्रयोग या अरहर की दाल का पानी, नारियल पानी पीना चाहिए।
Q-5. भांग खाने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए?
Ans.भांग खाने के बाद किसी भी प्रकार की कोई भी मीठी चीज नहीं खानी चाहिए क्योकिं इससे भांग का नशा बहुत बढ़ जाता है।
Q-6. भांग खाने से क्या साइड इफेक्ट होता है? भांग खाने के नुकसान क्या हैं?
Ans.भांग खाने से उत्साह बढ़ जाता है, मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है, नींद बहुत आती है तथा ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता। कई बार ऐसा भी देखा गया है की लोगों को भांग का नशा महीनो तक रहता है।